रामकुटी पुष्कर : आध्यात्मिक शांति के साथ बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराने वाला एक शानदार गेस्ट हाउस

पुष्कर पूरी दुनिया में भगवन ब्रह्मा की पवित्र नगरी के रूप में विख्यात है। यहां वर्ष भर तीर्थयात्री आध्यात्म और मानसिक शांति की खोज में आते हैं। ऐसे तीर्थयात्रियों के लिए शहर की हृदयस्थली में बसा रामकुटी किसी अनमोल उपहार से कम नहीं। रामकुटी विश्व प्रसिद्द ब्रह्मा मंदिर से सिर्फ 1.20 मील और पुष्कर झील से सिर्फ एक मील की दूरी पर स्थित होने की वजह से सैलानियों और तीर्थयात्रियों के लिए पसंदीदा विश्राम स्थल बन चुका है।

दिव्य एवं शांतिपूर्ण वातावरण समेटे रामकुटी में सैलानियों को बेहद कम कीमत पर बेहतरीन सुविधाएं मिलती हैं। यहां बेहद सस्ते दर पर ठहरने के लिए एसी कमरों और खाना-पीना के साथ-साथ निःशुल्क प्राइवेट पार्किंग और वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध है। आरामदायक व साफ़-सुथरे कमरे, प्राइवेट बाथरूम, प्राइवेट पार्किंग शुद्ध और शाकाहारी भोजन, ध्यान और साधना के लिए अलग स्थान, हरियाली से भरा कैम्पस यहाँ आने वाले यात्रियों को बिलकुल अपने घर जैसा महसूस कराते हैं। वराह मंदिर से टहलते हुए सिर्फ 14 मिनट में रामकुटी पहुँच सकते हैं।

बरसों पहले पुष्कर में पूज्य संत रणछोड़दास जी महाराज ने रामधन नाम के आश्रम की स्थापना की थी. उसी आश्रम के ठीक सामने गुरुदेव के भक्त हरिभाई नाथवानी और भागीरथभाई नाथवानी ने रामकुटी नाम के एक मकान का निर्माण कराया. रामकुटी के बेसमेंट में रणछोड़दास जी महाराज विश्राम और साधना किया करते थे.

गुरुदेव के निधन के बाद रामकुटी का स्वामित्व ज्योतिबेन मनुभाई फाउंडेशन के पास चला गया. इस फाउंडेशन की स्थापना मनुभाई माधवानी ने अपनी पत्नी ज्योतिबेन मनुभाई माधवानी की स्मृति में की थी। ज्योतिबेन फाउंडेशन ने रामकुटी का विस्तार कराया और इसके परिसर में एक अतिथि गृह का निर्माण कराया, जहाँ ठहरने के लिए बहुत ही उत्तम व्यवस्था की गई, जिसकी वजह से रामकुटी पुष्कर में बहुत जल्द प्रसिद्ध हो गया। चेक-इन की आसान प्रक्रिया, यात्रियों का गर्मजोशी भरा स्वागत और यहाँ मिलने वाली उत्कृष्ट सर्विस की वजह से पुष्कर आने वाले यात्रियों में रामकुटी की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती गई। आज स्थिति ये है कि पुष्कर की यात्रा पर आने वाले यात्री बजट होटल के ऊपर रामकुटी को तरजीह देते हैं।

रामकुटी की सारी व्यवस्था और देखभाल ज्योतिबेन मनुभाई फाउंडेशन द्वारा ही किया जाता है. अब वहां सिर्फ संत रणछोड़दास जी महाराज के अनुयायी ही नहीं, बल्कि पुष्कर की धार्मिक यात्रा पर आये अन्य तीर्थयात्री भी ठहरते हैं. अगर आप भागदौड़ भरी व्यस्त शहरी जीवनशैली से छुटकारा पाने के लिए शांति की खोज में पुष्कर जाने की योजना बना रहे हैं तो रामकुटी आपके लिए एक आदर्श विश्राम स्थल साबित होगा।

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