रणछोड़दास महाराज की साधना का फल रामकुटी पुष्कर

रामकुटी के स्थापना की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। पूज्य संत रणछोड़दास महाराज ने रामधन नामक आश्रम की स्थापना की थी।

आश्रम के सामने हरिभाई नाथवानी और भागीरथभाई नाथवानी ने एक मकान का निर्माण कराया, जिसके बेसमेंट में गुरुदेव रणछोड़दास महाराज विश्राम और साधना किया थे। इस मकान का नाम था राम कुटी. गुरुदेव के देहांत के बाद मनुभाई माधवानी फाउंडेशन ने रामकुटी को खरीद लिया। फाउंडेशन की स्थापना मनुभाई माधवानी ने पत्नी ज्योतिबेन मनुभाई माधवानी की स्मृति में की थी।

रणछोड़दास महाराज की साधना का फल रामकुटी पुष्कर

जयपुर। रामकुटी पुष्कर उन लोगों के लिए अद्वितीय स्थान है, जो शांति की तलाश में हैं। आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व के शहर पुष्कर में रामकुटी का दिव्य और शांतिपूर्ण माहौल हर किसी को आकर्षित करता है।

रामकुटी के स्थापना की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। पूज्य संत रणछोड़दास महाराज ने रामधन नामक आश्रम की स्थापना की थी। आश्रम के सामने हरिभाई नाथवानी और भागीरथभाई नाथवानी ने एक मकान का निर्माण कराया, जिसके बेसमेंट में गुरुदेव रणछोड़दास महाराज विश्राम और साधना किया थे। इस मकान का नाम था राम कुटी. गुरुदेव के देहांत के बाद मनुभाई माधवानी फाउंडेशन ने रामकुटी को खरीद लिया। फाउंडेशन की स्थापना मनुभाई माधवानी ने पत्नी ज्योतिबेन मनुभाई माधवानी की स्मृति में की थी। ज्योतिबेन फाउंडेशन ने घर का विस्तार कराया और उसे गुरुदेव के भक्तों के लिए संरक्षित कर दिया। इसी परिसर में अतिथि गृह का निर्माण भी कराया गया, जहाँ गुरुदेव के भक्तों के साथ पुष्कर की धार्मिक यात्रा पर आये अन्य यात्रियों के ठहरने के लिए व्यवस्था की। आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व के शहर पुष्कर में स्थित रामकुटी का दिव्य और शांतिपूर्ण माहौल हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। पुष्कर झील और ब्रह्मा मंदिर से दूरी पर रामकुटी में सुविधा मिलती है।

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